Wednesday 13 April 2016

हौं आया दूरों चल के.... वैसाखी का इतिहास, पांवटा साहिब की यात्रा

हौं आया दूरों चल के.... वैसाखी का इतिहास, पांवटा साहिब की यात्रा 


सन् 1685 का समय
एक 20 वर्षीय नौजवान अपने घोड़े पर सवार हिमाचल की वादियों में अपने कुछ विश्वसनीय सहयोगियों के साथ घूम रहा है। हर तरफ प्रकृति के सुंदर नजारे हैं, घना जंगल है, मीलों दूर तक कहीं कोई आबादी नही। सिरमौर से चला साथिओं का यह समूह  घूमते घूमते उसकी सीमाओं तक निकल आया, जिधर यमुना नदी बह रही है।